अरी भागो री भागो री गोरी भागो, रंग लायो नन्द को लाल।
बाके कमर में बंसी लटक रही और मोर मुकुटिया चमक रही
संग लायो ढेर गुलाल, अरी भागो री भागो री गोरी भागो, रंग लायो नन्द को लाल।
इक हाथ पकड़ लई पिचकारी सूरत कर लै पियरी कारी इक हाथ में अबीर गुलाल
अरी भागो री भागो री गोरी भागो, रंग लायो नन्द को लाल। भर भर मारैगो रंग पिचकारी
चून कारैगो अगिया कारी गोरे गालन मलैगो गुलाल अरी भागो री भागो री गोरी भागो, रंग लायो नन्द को लाल।
यह पल आई मोहन टोरी और घेर लई राधा गोरी होरी खेलै करैं छेड़ छाड़ अरी भागो री भागो री गोरी भागो, रंग लायो नन्द को लाल। |