हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।

आ: धरती कितना देती है

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 सुमित्रानंदन पंत | Sumitranandan Pant

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