हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।

सपना

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 स्वरांगी साने

खुली आँखों से
सपना देखती
सपने को टूटता देखती
खुद को अकेला देखती

फिर भी
वो सपना देखती।

- स्वरांगी साने
   ई-मेल: swaraangisane@gmail.com

 

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