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धरती है हम सब की एकआसमान हम सब का एकसूरज है हम सब का एकचंदा है हम सब का एक पानी है हम सब का एक और पवन है सब का एक है दुनिया में लोग अनेक लेकिन सब की दुनिया एक
-द्वारिकाप्रसाद महेश्वरी
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