भारत की सारी प्रांतीय भाषाओं का दर्जा समान है। - रविशंकर शुक्ल।
ज़िन्दगी (काव्य)    Print this  
Author:अभिषेक गुप्ता

अधूरे ख़त
अधूरा प्रेम
अधूरे रिश्ते
अधूरी कविता
अधूरे ख्वाब 
अधूरा इंसान
पूरी ज़िन्दगी

- अभिषेक गुप्ता

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