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 भूमण्डलीय तापक्रम वृद्धि | शारदा मोंगा का गीत | Geet by Sharda Monga
हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।

भूमण्डलीय तापक्रम वृद्धि

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 शारदा मोंगा | न्यूजीलैंड

प्रश्न चिन्ह? खतरा अत्यधिक,
जलप्रदूषण के खतरों से,
जीव जगत को बचावो,
पानी व्यर्थ न बहावो,
पानी है जीवनदाता,
पानी की हर बूँद बचाओ.

बुंदिया पानी की अनमोल,
जीव जगत,
जीवन की डोर,
पानी की हर बूँद खेत में,
शुष्क धरा को अंकुरित कर,
हरित लहराती,
जीव जगत की प्यास बुझाती,

शुष्क हो रहे,
सूख रहे सब,
नदी, नाले, पोखर,
और झील,
जल वायु स्वर्ग सरीखा ,
जल था कभी,
स्वच्छ सुनील,

कारखानों के,
कूड़े करकट,
रासायनिक पदार्थ,
अपविष्ट,
पानी गन्दा करें विषैला,
प्रदूषित करते,
लोग अशिष्ट,

जलप्रदूषण के खतरों से,
जीव जगत को बचावो,
पानी व्यर्थ न बहावो,
पानी है जीवनदाता,
पानी की हर बूँद बचाओ.
जगह जगह नारा लगाओ-
'पानी बचाओ,'पानी बचाओ'

-शारदा मोंगा.

 

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