Warning: session_start(): open(/tmp/sess_7d91277126488ed9b81ec9ec17bde1ec, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/child_lit_details.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/child_lit_details.php on line 1
 समंदर की उम्र | अशोक चक्रधर की हास्य कविता
भारत की सारी प्रांतीय भाषाओं का दर्जा समान है। - रविशंकर शुक्ल।
समंदर की उम्र (काव्य)    Print this  
Author:अशोक चक्रधर | Ashok Chakradhar

लहर ने
समंदर से
उसकी उम्र पूछी,
समंदर मुस्करा दिया।

लेकिन जब
बूँद ने
लहर से
उसकी उम्र पूछी
तो
लहर बिगड़ गई
कुढ़ गई
चिढ़ गई
बूँद के
ऊपर ही
चढ़ गई...और. . .
इस तरह
मर गई!

बूँद समंदर में समा गई
और. . .
समंदर की उम्र
बढ़ा गई!

- अशोक चक्रधर
[सोची-समझी, प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली]

 

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश