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ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ।गरीब निवाजु गुसाईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ।नीचउ ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥नामदेव कबीरू तिलोचनु सधना सैनु तरै ।कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै ॥
- रैदास
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