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 चिड़िया का घर | Hindi Bal Kavita by Harivansh Rai Bachchan
भारत की सारी प्रांतीय भाषाओं का दर्जा समान है। - रविशंकर शुक्ल।
चिड़िया का घर | बाल-कविता (बाल-साहित्य )    Print this  
Author:हरिवंश राय बच्चन | Harivansh Rai Bachchan

चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ आती है
जहाँ से फर-फर!

चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ जाती है-
जहाँ को फर-फर!

वन में खड़ा है जो
बड़ा-सा तरुवर,
उसी पर बना है
खर-पातों वाला घर!

उड़-उड़ आती हूँ
वहीं से फर-फर!
उड़-उड़ जाती हूँ
वहीं पर फर-फर!

- हरिवंशराय बच्चन

 

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