Warning: session_start(): open(/tmp/sess_963e80d70d2e6befa9b685a5288170dd, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2
 विश्व पटल पर हिंदी के विस्तार के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगेः श्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री, भारत सरकार
भारत की सारी प्रांतीय भाषाओं का दर्जा समान है। - रविशंकर शुक्ल।

हिंदी हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक एवं संप्रेषक (विविध)

Print this

Author: राजनाथ सिंह

एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह भाषा हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। जब विश्व के 177 देशों की मान्यता के साथ 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में अपनाया जा सकता है तो हिंदी भाषा को भी संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकृत भाषाओं की सूची में शामिल क्यों नहीं किया जा सकता जबकि इसके लिए तो सिर्फ 127 देशों के समर्थन की ही आवश्यकता है। यह बात केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज भोपाल में दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन के अवसर पर कही।

समापन समारोह - दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन

तीन दिवसीय विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की बड़ी बहन होने के नाते उनके उपयोगी और प्रचलित शब्दों को अपने में समाहित करके सही मायनों में भारत की संपर्क भाषा होने की भूमिका निभा रही है। हिंदी भाषा वैश्विक पटल पर भी तकनीक और डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में विस्तार और बड़े बाजार की अनंत संभावनाएं समेटे हुए है। हिंदी के इसी महत्व को देखते हुए तकनीकी कंपनियां इस भाषा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि गूगल के आंकड़ों के मुताबिक आज इंटरनेट पर सबसे ज्यादा मौलिक विषय वस्तु (कंटेंट) हिंदी भाषा में रचे जा रहे हैं।  श्री राजनाथ सिंह ने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वे अपने उत्पादों के नाम सहित अन्य विवरण हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में लिखने के बारे में विचार करें। श्री सिंह ने कहा कि बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे इस देश के हर प्रांत के साथ दुनिया भर में भली प्रकार समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

गृहमंत्री ने कहा कि विश्व हिंदी सम्मलेन के दौरान विभिन्न सत्रों में प्रशासन, विधि और न्याय, संचार व तकनीक, पत्रकारिता, बाल साहित्य सहित अन्य विषयों पर चर्चाओं के बाद प्रस्तुत की गईं अनुशंसाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार गंभीरता से प्रयास करेगी।

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश