याद आई माँ
ना आई पाती
कहाँ मैं जाती?
- आरती शर्मा
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दुख तेरे तेरे
सुख मेरे मेरे
रिश्ते मिले हैं
ऐसे बहुतेरे।
- आरती शर्मा
आरती शर्मा की क्षणिकाएँ (काव्य) |
याद आई माँ
ना आई पाती
कहाँ मैं जाती?
- आरती शर्मा
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दुख तेरे तेरे
सुख मेरे मेरे
रिश्ते मिले हैं
ऐसे बहुतेरे।
- आरती शर्मा