Warning: session_start(): open(/tmp/sess_78fc3c5280bf4afc6e3e34f8b2116582, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2
 चन्द्रमा की चाँदनी से भी नरम | रमाकांत अवस्थी का गीत | Ramakant Awasthi Ke Geet
भारत की सारी प्रांतीय भाषाओं का दर्जा समान है। - रविशंकर शुक्ल।

चन्द्रमा की चाँदनी से भी नरम | गीत (काव्य)

Print this

Author: रमाकांत अवस्थी

चन्द्रमा की चाँदनी से भी नरम
और रवि के भाल से ज्यादा गरम
है नहीं कुछ और केवल प्यार है

               ढूँढने को मैं अमृतमय स्वर नया
               सिन्धु की गहराइयों में भी गया
               मृत्यु भी मुझको मिली थी राह पर
               देख मुझको रह गई थी आह भर

मृत्यु से जिसका नहीं कुछ वास्ता
मुश्किलों को जो दिखाता रास्ता
वह नहीं कुछ और केवल प्यार है

               जीतने को जब चला संसार मैं
               और पहुँचा
जब प्रलय के द्वार मैं
               बह रही थी रक्त की धारा वहाँ
               थे नहाते अनगिनत मुर्दे जहाँ

रक्त की धारा बनी जल, छू जिसे
औे मुर्दों ने कहा जीवन जिसे
वह नही कुछ और केवल प्यार है

                मन हुआ मेरा कि ईश्वर से कहूँ
                दूर तुमसे और कितने दिन रहूँ
                देखकर मुझको हँसी लाचारियाँ
                और दुनियाँ ने बजाई तालियाँ

पत्थरो को जो बनाता देवता
जानती दुनिया नहीं जिसका पता
वह नहीं कुछ और केवल प्यार है

               काल से मैंने कहा थम जा जरा
               बात सुन मेरी दिया वह मुस्करा
               मेघ से मैंने कहा रोना नहीं
               वह लगा कहने कि यह होना नहीं

काल भी है चूमता जिसके चरण
मेघ जिसके वास्ते करता रुदन
वह नहीं कुछ और केवल प्यार है

- रमाकांत अवस्थी

 

Back

Posted By Ashok Kumar Ahuja   on Monday, 06-Jul-2015-03:52
एक अद्भुत वेबसाइट, दिल खुश कर दिया।
 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश