बादल गुस्साए थे
लड़ते भिड़ते आये थे
धूम धूम धड़ाम
धूम धूम धड़ाम
बिजली चमकी बार बार
और पानी बरसा मूसलाधार
मुन्नी भागी मम्मी से चिपकी
मुन्ना भागा खिड़की बंद कर दी
- रवि रंजन गोस्वामी
ई-मेल: goswamirr@hotmail.com
बादल और बारिश | बाल कविता (बाल-साहित्य ) |
बादल गुस्साए थे
लड़ते भिड़ते आये थे
धूम धूम धड़ाम
धूम धूम धड़ाम
बिजली चमकी बार बार
और पानी बरसा मूसलाधार
मुन्नी भागी मम्मी से चिपकी
मुन्ना भागा खिड़की बंद कर दी
- रवि रंजन गोस्वामी
ई-मेल: goswamirr@hotmail.com