हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। - कमलापति त्रिपाठी।

मुल्ला नसरुद्दीन के क़िस्से (कथा-कहानी)

Print this

Author: भारत-दर्शन

प्राचीन समय से कथा-कहानी एवं क़िस्से सुनने-सुनाने की परंपरा रही है। यह परंपरा मौखिक तौर पर लोकप्रिय रही है। अकबर-बीरबल, शेखचिली के अतिरिक्त मुल्ला नसरूद्दीन के क़िस्से भी लोकप्रिय हैं। यूं तो मुल्ला नसरुद्दीन तुर्की से ताल्लुक रखते थे लेकिन इनके किस्से दुनिया भर में सुनने को मिलते हैं। यहाँ मुल्ला नसरुद्दीन के क़िस्से संकलित किए जा रहे हैं।

मुल्ला नसरुद्दीन होजा (1208 -1285 ई) तुर्की और संभवतः इस्लामी देशों का सर्वाधिक लोकप्रिय विनोदी चरित्र है। तुर्की भाषा में 'होजा' शब्द का अर्थ है--शिक्षक या विद्वान। मुल्ला नसरुद्दीन की चतुराई और वाकपटुता के किस्से संभवतः किसी वास्तविक इमाम पर आधारित हैं। कहा जाता है कि उसका जन्म तुर्की के होरतो नामक एक गाँव में हुआ था और वर्ष 1237 में वह अक्सेहिर नामक मध्यकालीन नगर में बस गया, वहीं उसकी मृत्यु हुई।

Back

Other articles in this series

गधे से सीख
मुल्ला नसरुद्दीन और बादशाह 
 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश