Warning: session_start(): open(/tmp/sess_66c0de6bc6e90c58ce5d8ce79855afbf, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2
 रावण की हड्डी | Hindi Short Story by Sunil Kumar Sharma
भारत की सारी प्रांतीय भाषाओं का दर्जा समान है। - रविशंकर शुक्ल।

रावण की हड्डी | लघुकथा  (कथा-कहानी)

Print this

Author: सुनील कुमार शर्मा

आम जनता के दर्शनार्थ रखे एक दिवंगत नेता के अस्थिकलश में से एक हड्डी चुराकर भागते हुए एक चोर पकड़ा गया।

उसकी सेवा पानी करने के बाद एक पुलिस अधिकारी ने उससे पूछा, "यह हड्डी तूने क्यों चुराई?"

"....घर मे रखने के लिए।" वह अपने नितम्बों को सहलाते हुए बोला।

"घर मे रखने के लिए! ....क्या मतलब?" वह पुलिस अधिकारी हैरान हुआ।

"जनाब! मतलब यह है कि, मैंने सुना है-जिस घर में रावण की हड्डी हो उस घर मे कभी चोरी नहीं होती....आपको पता होना चाहिए मेरे घर मे पिछले कुछ दिनों मे तीन-तीन चोरियाँ हो चुकी है, और दशहरा भी अभी बहुत दूर है....अब आप ही बताओ जनाब! मैं रावण की हड्डी कहाँ से लाता?"

-सुनील कुमार शर्मा
 ई-मेल: sharmasunilkumar727@gmail.com

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश