Warning: session_start(): open(/tmp/sess_76dc98356b777db1caf30265fa844d8b, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2
 घमंड कब तक | लघुकथा
हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।

घमंड कब तक  (कथा-कहानी)

Print this

Author: अयोध्याप्रसाद गोयलीय

"नानी, यह ऊँट इतना उछल-कूद क्यों रहा है?"

"इसे अपनी ऊँचाई पर घमंड हो गया है बेटे!"

"यह घमंड कब दूर होगा, नानी?"

"जब यह किसी पहाड़ के नीचे-से निकलेगा, इसका घमंड पानी-पानी हो जाएगा।"

- अयोध्याप्रसाद गोयलीय
[ साभार - कुछ मोती कुछ सीप ]

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश