अहिंदी भाषा-भाषी प्रांतों के लोग भी सरलता से टूटी-फूटी हिंदी बोलकर अपना काम चला लेते हैं। - अनंतशयनम् आयंगार।

घमंड कब तक  (कथा-कहानी)

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Author: अयोध्याप्रसाद गोयलीय

"नानी, यह ऊँट इतना उछल-कूद क्यों रहा है?"

"इसे अपनी ऊँचाई पर घमंड हो गया है बेटे!"

"यह घमंड कब दूर होगा, नानी?"

"जब यह किसी पहाड़ के नीचे-से निकलेगा, इसका घमंड पानी-पानी हो जाएगा।"

- अयोध्याप्रसाद गोयलीय
[ साभार - कुछ मोती कुछ सीप ]

 

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