जय जय प्यारा भारत देश। जय जय प्यारा जग से न्यारा, शोभित सारा देश हमारा। जगत-मुकुट जगदीश-दुलारा, जय सौभाग्य-सुदेश॥ जय जय प्यारा भारत देश।
प्यारा देश, जय देशेस, अजय अशेष सदय विशेष। जहाँ न संभव अघ का लेश, सम्भव केवल पुण्य प्रवेश॥ जय जय प्यारा भारत देश।
स्वर्गिक शीश फूल पृथ्वी का, प्रेम मूल प्रिय लोक त्रयी का। सुललित प्रकृति-नटी का टीका, ज्यों निशि का राकेश॥ जय जय प्यारा भारत देश।
जय जय शुभ्र हिमाचल गंगा, कलरव निरत कलोलिनी गंगा। भानु-प्रताप चमत्कृत अंगा, तेज पुंज तप वेश॥ जय जय प्यारा भारत देश।
जग में कोटि-कोटि जुग जीवें, जीवन सुलभ अमी रस पीवैं, सुखद वितान सुकृत का सीवैं, रहै स्वतंत्र हमेश॥ जय जय प्यारा भारत देश।
- श्रीधर पाठक
[स्वतंत्रता की पुकार]
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