"हाय," चूहे ने कहा, "दुनिया हर दिन छोटी होती जा रही है। शुरुआत में यह इतनी बड़ी थी कि डर गया था। भागते-भागते जब अंततः मुझे दूर दाएँ और बाएँ दीवारें दिखी तो प्रसन्नता हुई लेकिन इन दिनों ये लंबी दीवारें इतनी तेज़ी से संकरी हो गई हैं कि मैं झट से अंतिम छोर में आ पहुंचा हूँ, और वहाँ कोने में ही तो चूहेदान है, जहां मुझे जाना है।"
"तुम्हें केवल अपनी दिशा बदलने की जरूरत है।" घात लगाए बैठी बिल्ली ने समाधान सुझाया।
ज्यों ही चूहा उस ओर घूमा, बिल्ली झट से उसे खा गयी।
-फ्रेंज काफ़्का
अनुवाद – रोहित कुमार हैप्पी [ फ़्रेंज़ काफ़्का (Franz Kafka) एक जर्मन भाषी बोहेमियन यहूदी उपन्यासकार और लघु-कथा लेखक थे। यहाँ उनकी लघुकथा 'A Little Fable' का भावानुवाद प्रस्तुत है। ]
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