देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।
अद्भुत दोहा (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन संकलन

इस दोहे में एक ही अक्षर ‘न’ का प्रयोग किया गया है।

नोनी नोनी नौनि नै, नोने नोनै नैन।
नाना नन ना नाननै, ननु नूनै नूने न॥

इस एक ही दोहे के कई संस्करण हैं, जैसे–

नोनी नोनी नौनि नै, नोनै नोनै नैन।
नाना नन नाना नने, नाना नूने नैन॥

नोनी नोनी नौनि नै, नोने नोनै नैन।
नाना नन ना नाननै, नाना नूनै नैन॥

नोनी नोनी नो निनै, नोने नोने नैन।
ना ना न न ना ना न नै, न नु नूनै नू नैन॥

इसका सरलार्थ आप कामेंट्स बॉक्स में दे सकते हैं।

[भारत-दर्शन संकलन] 

इसका सरलार्थ आप कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं।

Previous Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश