हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - राजेंद्रप्रसाद।
एनी बेसेंट की संस्था का प्रतिज्ञा-पत्र (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन संकलन

एनी बेसेंट ने अपने जीवन के 40 वर्ष भारत के सर्वांगीण विकास में लगा दिए। बाल विवाह, जातीय व्यवस्था, विधवा-जीवन जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए एनी बेसेंट ने 'ब्रदर्स ऑव सर्विस' नामक संस्था बनाई। इस संस्था की सदस्यता पाने के लिए जो प्रतिज्ञा-पत्र भरकर हस्ताक्षर करना होता था, उसके नियम ये थे:

- मैं जाति-पाति पर आधारित छुआछूत नहीं करुंगा।

- मैं अपने पुत्रों का विवाह 18 वर्ष से पहले नहीं करुंगा।

- मैं अपनी पुत्रियों का विवाह 16 वर्ष से पहले नहीं करुंगा।

- मैं पत्नी, पुत्रियों और कुटुम्ब की अन्य स्त्रियों को शिक्षा दिलवाऊँगा, कन्या शिक्षा का प्रचार करुँगा। स्त्रियों की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करुंगा।

- मैं जन-साधारण में शिक्षा का प्रचार करुंगा।

- मैं सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में वर्ग पर आधारित भेद-भाव को मिटाने का प्रयास करुंगा।

- मैं सक्रिय रूप से उन सामाजिक बन्धनों का विरोध करुंगा जो विधवा स्त्री के सामने आते हैं, जब वह पुनर्विवाह करती हैं।

- मैं कार्यकर्ताओं में आध्यात्मिक शिक्षा एवं सामाजिक और राजनीतिक उन्नति के क्षेत्र में एकता लाने का प्रयत्न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व व निर्देशन में करुंगा।

[भारत-दर्शन संकलन] 

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