19 फरवरी 2019 (भारत): हिंदी के प्रतिष्ठित आलोचक नामवर सिंह नहीं रहे। नामवर सिंह का 19 फरवरी की मध्य रात्रि को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया।
![नामवर सिंह Namvar Singh No more](../news_images/namvar-singh-thumb.jpg)
आपने अधिकतर आलोचना, साक्षात्कार इत्यादि विधाओं में सृजन किया है। आपको साहित्य अकादमी सम्मान प्राप्त है। आपका जन्म 28 जुलाई 1927 को जीयनपुर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। आपके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है। आपकी पत्नी का निधन कई वर्ष पहले हो चुका है।
आपने बीएचयू से हिंदी साहित्य में एम.ए और पीएच.डी की थी और बीएचयू, सागर एवं जोधपुर विश्वविद्यालय और जेएनयू में अध्यापन किया था।
नामवर सिंह ने हिंदी साहित्य में आलोचना को एक नया आयाम दिया।
'कहानी नयी कहानी, 'छायावाद', 'इतिहास और आलोचना', 'कविता के नये प्रतिमान', 'दूसरी परम्परा की खोज' और 'वाद विवाद संवाद' आपकी प्रमुख रचनाएं हैं। आपने हिंदी की दो पत्रिकाओं 'जनयुग और 'आलोचना का संपादन भी किया।
[भारत-दर्शन समाचार] |