जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।
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मई-जून 2024

मई-जून 2024

न्यूज़ीलैंड से प्रकाशित हिंदी पत्रिका, 'भारत-दर्शन' से जुड़ें  : फेसबुक  - ट्विटर

सदैव की भांति इस अंक में भी  'कथा-कहानी' के अंतर्गत कहानियाँलघु-कथाएं व बाल कथाएं प्रकाशित की गई हैं। इस अंक के काव्य  में सम्मिलित है - कविताएंदोहेबाल-कविताएंहास्य कविताएं व गज़ल

मई-जून अंक आपको भेंट।

इस अंक की कहानियों में यशपाल की कहनी, 'महादान', कमलादेवी चौधरी की कहानी 'आँखें खुलीं', कीर्ति चौधरी की कहानी ' फ्रॉक' सम्मिलित की गई है। इसके अतिरिक्त प्रवासी कथा-साहित्य में डॉ धनीराम प्रेम की द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की एक प्रेम-कहानी, 'देश की वेदी पर' सम्मिलित की गई है।

लघुकथाओं में इस बार छान्दोग्य उपनिषद् से, 'प्राण संवाद,श्यामू सन्यासी की लघुकथा, 'खुले द्वार', जैन ग्रंथ से, 'बातचीत', महेश दर्पण' की 'सॉरी' और ख़लील जिब्रान की लघुकथा 'दो विद्वान' प्रकाशित की हैं।

लोक-कथाओं में गढ़वाल की लोक-कथा 'छाया का भय' और वानुआतू आइलैंड की लोक-कथा, 'अपनों के लिए' पढ़ें। 

रोचक सामग्री के अंतर्गत इस बार  'सत्येन्द्रनाथ ठाकुर : पहले भारतीय आईसीएस अधिकारी'  के बारे में पढ़ें।  इसके अतिरिक्त 'माओरी कहावतें' पठनीय हैं। माओरी न्यूज़ीलैंड के मूल निवासी हैं। इनकी माओरी भाषा की कहावतों का हिन्दी भावानुवाद उपलब्ध करवाया गया है।

इस बार दोहों में रहीम के दोहे पढ़िए।

कविताओं में अयोध्याप्रसाद सिंह ‘हरिऔध’ की कविता 'स--सार' संसार'  शील की रचना, 'सुबह हो रही है रहेगी न रात', रामधारीसिंह दिनकर की कविता,'राम तुम्हारा नाम', शमशेर बहादुर सिंह की काविता, 'सुन के ऐसी ही सी एक बात', शम्भुनाथ शेष की, 'इस जग में', सुमित्रा सिनहा की, 'मैं हर मन्दिर के पट पर' सम्मिलित की गई हैं।

इस बार डॉ विद्या विंदु सिंह के हाइकु प्रकाशित किए हैं। 

हास्यरस में शैल चतुर्वेदी, नेहा शर्मा और पैरोडीदास की हास्य रचनाएं पढ़ें।

ग़ज़लों में शिव ओम अंबर, विजयकुमार सिंघल, भवानी शंकर, सूर्यभानु गुप्त और ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र की ग़ज़लें पढ़ें।

बाल साहित्य में दिविक रमेश की बाल कविता, 'हँसी का इनजेक्सन', क्षेत्रपाल शर्मा का बाल-गीत, 'बादल', कथा-कहानी में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की सीखभरी कहानी, 'गधा और मेढक', चिल्ली के कारनामे, अकबर-बीरबल  व पंचतंत्र की कहानी प्रकाशित की गई हैं।

व्यंग्य में इस बार शंकर पुणतांबेकर का व्यंग्य, 'एक नफरत कथा' और रोहित कुमार 'हैप्पी' का 'प्रधान जी'  पढ़ें। 

गीतों में भगवतीचरण वर्मा, सुमित्रानन्दन पन्त, विष्णुदत्त 'विकल', कुसुम सिनहा और गोपालसिंह नेपाली के गीत पढ़िए।

आलेखों में विजय रंजन का आलेख,'सत्यम् शिवम् सुन्दरम् की अवधारणा एक विशुद्ध भारतीय प्रत्यय', रोहित कुमार हैप्पी का आलेख, 'हिंदी में न्यूजीलैंड का माओरी साहित्य' व 'हिन्दी पत्रकारिता दिवस' पढ़ें। 

भारत-दर्शन का सम्पूर्ण अंक पढ़ें। 

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