जो साहित्य केवल स्वप्नलोक की ओर ले जाये, वास्तविक जीवन को उपकृत करने में असमर्थ हो, वह नितांत महत्वहीन है। - (डॉ.) काशीप्रसाद जायसवाल।

 

Archive of मई-जून 2017 Issue

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इस अंक में पढ़िए गीत, ग़ज़लें, कविताएं, हाइकु, कहानियां, लघु-कथाएं, बाल-साहित्य व आलेख।

कहानियों में इस बार पढिए -प्रेमचंद की कहानी, 'घासवाली', टैगोर की, 'गूंगी',  वृंदावनलाल वर्मा  की कहानी, 'मेंढ़की का ब्याह', महादेवी वर्मा की, 'गिल्लू',  सुदर्शन की कहानी, 'कवि का चुनाव' व अमृतराय की कहानी, 'गीली मिट्टी'।

आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें।

इस अंक में सम्मिलित हैं - कहानियाँ, कविताएँगीतदोहेग़ज़लेंआलेखव्यंग्यलघु-कथाएं व बाल-साहित्य


उपरोक्त सामग्री के अतिरिक्त  आप भारत-दर्शन के समग्र संचयन में भी कहानी, लघु-कथाएं, कविताएंबाल-साहित्य पढ़ सकते हैं जिनमें पत्रिका में प्रकाशित अभी तक प्रकाशित/अप्रकाशित सामग्री सम्मिलित है।

 

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