किसी साहित्य की नकल पर कोई साहित्य तैयार नहीं होता। - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'।
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नवंबर-दिसंबर 2023

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सदैव की भांति इस अंक में भी  'कथा-कहानी' के अंतर्गत कहानियाँलघु-कथाएं व बाल कथाएं। इस अंक के काव्य  में सम्मिलित है - कविताएंदोहेभजनबाल-कविताएंहास्य कविताएं व गज़ल

नि:संदेह भारतीय व्रत एवं त्योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। हमारे सभी व्रत-त्योहार चाहे वह दीवाली हो, होली हो, रक्षा-बंधन हो, करवाचौथ का व्रत हो या कोई अन्य पर्व, कहीं न कहीं वे पौराणिक पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और उनका वैज्ञानिक पक्ष भी नकारा नहीं जा सकता।

हमारा भरसक प्रयास रहेगा कि हम भारत-दर्शन में अधिक से अधिक भारतीय पर्वों व उपवासों का समावेश कर सकें।

सागर पार बसे इस छोटे से देश न्यूज़ीलैंड में भी अपने तीज-त्योहार यथावत् रहें ऐसी हमारी भावना है। यहाँ 1998 से सार्वजनिक रूप से दीवाली आयोजित की जाती रही है।  

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीवाली का त्योहार मनाया जाता है। दीवाली को दीपावली भी कहा जाता है। दीवाली एक त्योहार भर न होकर, त्योहारों की एक श्रृंखला है। इस पर्व के साथ पांच पर्वों जुड़े हुए हैं। सभी पर्वों के साथ दंत-कथाएं जुड़ी हुई हैं। दीवाली का त्योहार दीवाली से दो दिन पूर्व आरम्भ होकर दो दिन पश्चात समाप्त होता है।

दीवाली के अवसर पर पढ़िए- गोपालप्रसाद व्यास की हास्य कविता, 'दिवाली के दिन',  दीवाली पर 'नज़ीर' अकबराबादी की नज़्म, 'फ़िराक़' गोरखपुरी की रचना 'दीवाली के दीप जले', दीपावली बाल-गीत,  हरिवंशराय बच्चन की कविता, 'साथी घर-घर आज दिवाली', नीरज के दीवाली गीत व अन्य कविताएं, लघु-कथाएं,  दीवाली की पौराणिक कथाएं व आलेख!

14 नवंबर को  'बाल-दिवस' (Bal Diwas) के रूप में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। 'बाल-दिवस' पर विशेष-सामग्री पढ़िए। 

बाल कविताएं पढ़ने के लिए बाल-काव्य पृष्ठ देखें।

बाल कथाएं व बाल कहानियाँ पढ़ने के लिए बाल-कहानी पृष्ठ भी देखें।

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