परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।

हास्य काव्य

भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)।

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समस्या - जैमिनी हरियाणवी | Jaimini Hariyanavi

भूचाल आया
तो समस्या हुई खड़ी क्योंकि मेरी घरवाली
पलंग से नीचे गिर पड़ी
मैं उसके पास गया
और एक प्रश्न उठाया 'भाग्यवान,
भूचाल आने से तू गिरी
या तेरे गिरने से भूचाल आया?'

 
तीन कवयित्रियां - काका हाथरसी | Kaka Hathrasi

कवि सम्मेलन के मंच पर कल रात,
तीन कवयित्रियां कर रहीं थी बात।

 
ताजमहल - अरुण जैमिनी

इंटरव्यू देने पहुँचा
हरियाणे का एक युवा बेरोजगार
एक पोस्ट के लिए
आए थे अस्सी उम्मीदवार
किसे रखना है, यह बात तय थी
इसलिए चयनकर्ताओं के सवालों में
न सुर, न ताल और न लय थी

 
तीन तरह के लोग - प्रदीप चौबे

इस देश में
तीन तरह के लोग रहते है
एक-- खून-पसीना बहाने वाले,
दूसरे-- पसीना बहाने वाले,
तीसरे-- खून बहाने वाले,
खून-पसीने वाला
रिक्शा चलाता है,
पसीने वाला
घर चलाता है
और खून बहाने वाला
देश चलाता है।
रिक्शेवाला
मजदूर होता है,
घरवाला
मजबूर होता है
और देश चलाने वाला
मशहूर होता है।

 
पापा-आपा - अल्हड़ बीकानेरी

छरहरी काया मेरी जाने
कहाँ छूट गई
छाने लगा मुझ पे मोटापा
मेरे राम जी

 

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