भारतेंदु और द्विवेदी ने हिंदी की जड़ पाताल तक पहुँचा दी है; उसे उखाड़ने का जो दुस्साहस करेगा वह निश्चय ही भूकंपध्वस्त होगा।' - शिवपूजन सहाय।

 

Archive of मई-जून 2018 Issue

इस अंक में 'कथा-कहानी' के अंतर्गत पढ़िए मुंशी प्रेमचंद, रबीन्द्रनाथ टैगोर, मंटो, ओमप्रकाश वाल्मीकि की कहानियाँ व इनके अतिरिक्त कथा-साहित्य में लघु-कथाएं व बाल कथाएं। इस अंक के काव्य में सम्मिलित है - कविताएं, दोहे, पद, हाइकु, बाल-कविताएं, हास्य कविताएं व गज़ल।

'ब्लू व्हेल' के बाद ‘हाईस्कूल गेम' अपनी हिंसक वृत्ति को लेकर चर्चा में है। कुछ माह पहले इसी गेम की लत के शिकार एक नाबालिग ने गेम खेलने से टोकने पर अपनी माँ और बहन की नृशंस हत्या कर दी थी। उस घटना के बाद लेखक 'संजय भारद्वाज' की प्रतिक्रिया, उस नाबालिग को लिखे एक पत्र के रूप में मे कागज़ पर उतरी। पदिए, 'संजय भारद्वाज' की चर्चित कहानी, 'एक पत्र- अनाम के नाम'।

आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। हम हिंदी लेखकों व कवियों के चित्रों की श्रृँखला भी प्रकाशित कर रहे हैं। यदि आप के पास दुर्लभ चित्र उपलब्ध हों तो अवश्य प्रकाशनार्थ भेजें। इस अनूठे प्रयास में अपना सहयोग दें।

 

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