वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। - पीर मुहम्मद मूनिस।

 
बच्चों की कविताएं
यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

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राजा-रानी  - जयप्रकाश भारती

एक थे राजा, एक थी रानी
दोनों करते थे मनमानी
राजा का तो पेट बड़ा था
रानी का भी पेट घड़ा था
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हाथ उठा नाची तरकारी - सरस्वती कुमार दीपक

ताक लगाकर बैठी थीं,
मालिन की डलिया में तरकारी ।
अवसर पाया, ताक-धिना-धिन--
नाच उठीं सब बारी-बारीसरस्वती कुमार दीपक
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मीठा झगड़ा - प्रणेन्द्र नाथ मिश्रा

अकड़ के बोली गोल जलेबी, मुझसा कौन रसीला ?
मुझको चाहे सारी दुनिया, गाँव, शहर, क़बीला !
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अगर सीखना कुछ चाहो तो... - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

अगर सीखना कुछ चाहो तो,
हर चीज तुम्हें शिक्षा देगी।
शर्त यही है कुछ पाने की,
जब मन में इच्छा होगी।
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