हमारी नागरी दुनिया की सबसे अधिक वैज्ञानिक लिपि है। - राहुल सांकृत्यायन।

 
बाल-साहित्य
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हिंदी बाल-साहित्य लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। पंचतंत्र, हितोपदेश, अमर-कथाएँ व अकबर बीरबल के क़िस्से बच्चों के साहित्य में सम्मिलित हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पशु-पक्षियों को माध्यम बनाकर बच्चों को बड़ी शिक्षाप्रद प्रेरणा दी गई है। बाल साहित्य के अंतर्गत बाल कथाएँ, बाल कहानियां व बाल कविता सम्मिलित की गई हैं।

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सर्वश्रेष्ठ उपहार - जयप्रकाश भारती

विधाता एक दिन बैठे थे। आसपास सेवक खड़े थे। कब कौन सा आदेश मिले और वह पालन करें। अचानक तभी विधाता बोले --"तुम सब पृथ्वी पर जाओ। वहां से मेरे लिए कोई अद्भुत उपहार लाओ। जो सबसे अच्छा उपहार लाएगा, वही मेरा प्रिय सेवक होगा।"
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करना हो सो कीजिए - करना हो सो कीजिए

एक कौआ था। वह रोज नदी-किनारे जाता और बगुले के साथ बैठता। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हो गई। बगुला मछलियां पकड़ता और कौए को खिलाया करता। बगुला नये-नये ढंग से रोज़ नई-नई मछलियां पकड़ता रहता, कौए को हर दिन नया-नया भोजन मिलने लगा।
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राजा-रानी  - जयप्रकाश भारती

एक थे राजा, एक थी रानी
दोनों करते थे मनमानी
राजा का तो पेट बड़ा था
रानी का भी पेट घड़ा था
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हाथ उठा नाची तरकारी - सरस्वती कुमार दीपक

ताक लगाकर बैठी थीं,
मालिन की डलिया में तरकारी ।
अवसर पाया, ताक-धिना-धिन--
नाच उठीं सब बारी-बारीसरस्वती कुमार दीपक
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मीठा झगड़ा - प्रणेन्द्र नाथ मिश्रा

अकड़ के बोली गोल जलेबी, मुझसा कौन रसीला ?
मुझको चाहे सारी दुनिया, गाँव, शहर, क़बीला !
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अगर सीखना कुछ चाहो तो... - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

अगर सीखना कुछ चाहो तो,
हर चीज तुम्हें शिक्षा देगी।
शर्त यही है कुछ पाने की,
जब मन में इच्छा होगी।
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