फोटो! फोटो मेरा पहला प्यार है जीवनाधार है कटिंग कर, बाल रंग, दाढी बना, क्रीम लगा सेल्फी के मोस्ट ब्यूटी मोड में, फोटो खींच, सोशल मीडिया पे डालता हूं, तो बहार आ जाती है! समय के साथ पीढ़ियों का स्वाद बदलता है। पहले शादी ब्याह, कुआं पूजन, गृह प्रवेश के फोटो होते थे। अब,सुबह-शाम-रात के फोटो, अलग-अलग मिजाज के फोटो, एक एक जज्बात के फोटो होते हैं। राष्ट्र भक्त वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी का युद्ध लड़ा भाले से, मैं कैमरे से लड़ता हूं। शब्द शिल्पी सत्य के सिपाही माखनलाल चतुर्वेदी ने लिखा कलम से, मैं मोबाइल से लिखता हूं, शहीदे आजम भगत सिंह विचारों से इंकलाब लाए, मेरा इंकलाबी हथियार फोटो है अगर कोरोना हो तो मैं कोरोना के खिलाफ फोटो डाल देता हूँ। अगर किसान की दुर्दशा हो तो मैं तो किसान का फोटो डाल देता हूं। अगर जवान की समस्या हो तो, मैं बॉर्डर की फोटो डाल देता हूं। सरकार के खिलाफ गुस्सा हो, तो सरकारी फोटो, काम निकलवाना हो तो दरबारी फोटो, छाना हो तो अखबारी फोटो मेरी हर समस्या का समाधान है फोटो! फोटो मुझे भीतर से गुदगुदाती है, जब कोई अँगूठा उठाता है, तो शरीर में सिहरन सी दौड जाती है फोटो में बड़ी ताकत है, 5 बड़े लोगों के साथ फोटो खिंचा आप बड़े हो जाते हैं। पांच गिरे हुए लोगों का फोटो लगा, आप खड़े हो जाते हैं। मुझे वैज्ञानिकों से गिला है, हमारे इतने सम्मान का यह सिला है? वह दिन कब आएगा जब फोटो से प्यास बुझेगी फोटो खेतों में फसल-सी लहलहाएगी फोटो बोई-काटी जाएगी फोटो से क्षुधा मिटेगी वैज्ञानिक ढंग से श्रम करेंगे तभी बात बनेगी। मेरे एल्बम में अनेक फोटो हैं आंसू की, हार की, दर्द की,बहार की, रूठते-मनाते प्यार की, ना खत्म होने वाले इन्तज़ार की, ऐसा नहीं, मैं सिर्फ अपने फोटो खींचता हूं मैं किसी की दुर्घटना देखता हूं तो उसका फोटो खींच लेता हूं। मरीज को तड़पते देखता हूं तो उसका फोटो खींच लेता हूं। लोगों को लड़ते देखता हूं तो उनका फोटो खींच लेता हूं। एक बार मैंने, पाँच फुट के तालाब में डूबते हुए बच्चे का फोटो खींचा अगर मैं चूक जाता तो बच्चा बच जाता हाय! इतना दर्दीला फोटो नहीं आता मानवता मेरे भीतर कूट-कूट कर भरी है पर कभी दंभ नहीं किया हँसी, खुशी, दर्द, इबादत मेरे लिए फोटो हैं। मुझे प्रसन्नता है मैं अकेला नहीं, मेरे साथ फोटो प्रेमियों की पूरी जमात है सब के पास फोटो बेहिसाब है। फोटो जीवंत संस्कृति है! आने वाली पीढ़ियां कितनी प्रसन्न होंगी, गर्व करेंगी, आनंद,उत्साह-से भर जाएँगी! उनके पूर्वजों ने, नदी नहीं छोड़ी,पहाड़ नहीं छोडे गिद्ध; तितली; गोरैया; गुलमोहर, सृष्टि के श्रृंगार नहीं छोड़े। छोड़ी हैं बेहिसाब फोटो! छोटी,बड़ी, श्वेत-श्याम,रंगीन,डिजिटल फोटो! ...
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