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हास्य काव्य |
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)। |
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सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा - काका हाथरसी | Kaka Hathrasi |
सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा |
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डिजिटल इंडिया | हास्य-व्यंग - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
वर्मा जी ने फेसबुक पर स्टेटस लिखा - |
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बहरे या गहरे - अशोक चक्रधर | Ashok Chakradhar |
अचानक तुम्हारे पीछे |
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समंदर की उम्र - अशोक चक्रधर | Ashok Chakradhar |
लहर ने |
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जय जय जय अंग्रेजी रानी! - डॉ. रामप्रसाद मिश्र |
जय जय जय अंग्रेजी रानी! |
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पेट महिमा - बालमुकुंद गुप्त |
साधु पेट बड़ा जाना। |
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हास्य ही सहारा है - डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल |
जिंदगी हो गई है तंगदस्त |
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विचित्र विवशता! - मधुप पांडेय |
‘उधर प्रशासन को |
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लंच! प्रपंच!! - मधुप पांडेय |
आगंतुक ने चिढ़कर |
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मसख़रा मशहूर है... | हज़ल - हुल्लड़ मुरादाबादी |
मसख़रा मशहूर है आँसू बहाने के लिए |
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प्रयोगवाद - दिनेश कुमार गोयल |
आलू! |
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नया ‘वाद’ - निशिकांत |
एक साहित्य गोष्ठी में |
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ढोल, गंवार... - सुरेंद्र शर्मा |
मैंने अपनी पत्नी से कहा -- |
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उन्हें आज ... - बेढब बनारसी |
उन्हें आज आई है कैसी जवानी, |
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विरह का गीत - कवि चोंच |
तुम्हारी याद में खुद को बिसारे बैठे हैं। |
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बेधड़क दोहावली - बेधड़क |
गुस्सा ऐसा कीजिए, जिससे होय कमाल । |
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हँसाइयाँ - बेधड़क बनारसी |
उस खुदा का नहीं कानून समझते हैं वे |
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भिखारी - प्रदीप चौबे |
एक भिखारी ने |
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भिखारी| हास्य कविता - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
एक भिखारी दुखियारा |
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