दीवाली विशेषांक - दीपावली से जुड़ी हुई समग्र जानकारी | Diwali Stories, Diwali poems and all about Diwali
मजहब को यह मौका न मिलना चाहिए कि वह हमारे साहित्यिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों में टाँग अड़ाए। - राहुल सांकृत्यायन।

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दीवाली विशेषांक | Diwali

नि:संदेह भारतीय व्रत एवं त्योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। हमारे सभी व्रत-त्योहार चाहे वह होली हो, रक्षा-बंधन हो, करवाचौथ का व्रत हो या दीवाली पर्व, कहीं न कहीं वे पौराणिक पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और उनका वैज्ञानिक पक्ष भी नकारा नहीं जा सकता।

हमारा भरसक प्रयास रहेगा कि हम भारत-दर्शन में अधिक से अधिक भारतीय पर्वों व उपवासों का समावेश कर सकें।

सागर पार बसे इस छोटे से देश न्यूज़ीलैंड में भी अपने तीज-त्योहार यथावत् रहें ऐसी हमारी भावना है।

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीवाली का त्योहार मनाया जाता है। दीवाली को दीपावली भी कहा जाता है। दीवाली एक त्योहार भर न होकर, त्योहारों की एक श्रृंखला है। इस पर्व के साथ पांच पर्वों जुड़े हुए हैं। सभी पर्वों के साथ दंत-कथाएं जुड़ी हुई हैं। दीवाली का त्योहार दीवाली से दो दिन पूर्व आरम्भ होकर दो दिन पश्चात समाप्त होता है।

दीवाली विशेषांक में पढ़िए- गोपालप्रसाद व्यास की हास्य कविता, 'दिवाली के दिन',  दीवाली पर 'नज़ीर' अकबराबादी की नज़्म, 'फ़िराक़' गोरखपुरी की रचना 'दीवाली के दीप जले', दीपावली बाल-गीत,  हरिवंशराय बच्चन की कविता, 'साथी घर-घर आज दिवाली', नीरज के दीवाली गीत व अन्य कविताएं, लघु-कथाएंदीवाली की पौराणिक कथाएंआलेख!

13 नवंबर को हिंदी साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म-दिवस होता है। प्रस्तुत हैं मुक्तिबोध की कुछ रचनाएं

14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म-दिवस होता है। इसे भारत में 'बाल-दिवस' (Bal Diwas) के रूप में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। नेहरूजी को 'चाचा नेहरू' के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था। 'बाल-दिवस' पर विशेष-सामग्री पढ़िए।


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