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साथी, घर-घर आज दिवाली! फैल गयी दीपों की माला हास उमंग हृदय में भर-भर आँख हमारी नभ-मंडल पर, - हरिवंशराय बच्चन
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साथी, घर-घर आज दिवाली! फैल गयी दीपों की माला हास उमंग हृदय में भर-भर आँख हमारी नभ-मंडल पर, - हरिवंशराय बच्चन
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