समाज और राष्ट्र की भावनाओं को परिमार्जित करने वाला साहित्य ही सच्चा साहित्य है। - जनार्दनप्रसाद झा 'द्विज'।

 
हास्य कथा-कहानी-व्यंग
हास्य कथा-कहानी-व्यंग संकलन। A collection of hilarious Hindi satirical comedy stories.

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मुल्ला नसरुद्दीन और बादशाह  - भारत-दर्शन संकलन

एक दिन बादशाह ने मुल्ला नसरुद्दीन से कहा, "आज सुबह मैंने अपनी सूरत आईने में देखी। मैं वाकई बदसूरत हूँ। अब कभी आईने में अपना चेहरा नहीं देखूंगा।" 
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