देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।

 
लघुकथाएं
लघु-कथा, *गागर में सागर* भर देने वाली विधा है। लघुकथा एक साथ लघु भी है, और कथा भी। यह न लघुता को छोड़ सकती है, न कथा को ही। संकलित लघुकथाएं पढ़िए -हिंदी लघुकथाएँप्रेमचंद की लघु-कथाएं भी पढ़ें।

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मतपेटी में जिन्न - सुनील कुमार शर्मा

चुनाव प्रचार के बाद घर लौटे, एक थके-हारे नेता जी ने जब दो घूँट लगाने के लिए शराब की बोतल खोली; तो उस बोतल में से बहुत बड़ा जिन्न निकला, और बोला,"बोल मेरे आका! तुझे क्या चाहिए?"
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दूरी  - परमजीत कौर

उस कंपकंपाती रात में वह फटी चादर में सिमट-सिमट कर, सोने का प्रयास कर रही थी ।
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