वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। - पीर मुहम्मद मूनिस।

 
संस्मरण
संस्मरण - Reminiscence

Articles Under this Category

सृष्टि का खिलना - संजय भारद्वाज

प्रात: घूमने निकला। दो-चार दिन एक दिशा में जाने के बाद, नवीनता की दृष्टि से भिन्न दिशा में जाता हूँ। आज निकट के जॉगर्स पार्क के साथ की सड़क से निकला। पार्क में व्यायाम के नए उपकरण लगे हैं। अनेक स्त्री-पुरुष व्यायाम कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि व्यायाम करने वालों में स्त्रियों का प्रतिशत अच्छा था। देखा कि अधिकांश स्त्रियाँ, चाहे वे किसी भी आयु समूह की हों, व्यायाम से पहले या बाद में झूला अवश्य झूल रही थीं।
...

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश