भारतेंदु और द्विवेदी ने हिंदी की जड़ पाताल तक पहुँचा दी है; उसे उखाड़ने का जो दुस्साहस करेगा वह निश्चय ही भूकंपध्वस्त होगा।' - शिवपूजन सहाय।

 
हिंदी भजन
हिंदी भजन-Hindi Bhajan

Articles Under this Category

कंकड चुनचुन  - कबीरदास | Kabirdas

कंकड चुनचुन महल उठाया
        लोग कहें घर मेरा। 
ना घर मेरा ना घर तेरा
        चिड़िया रैन बसेरा है॥
...

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश