समाज और राष्ट्र की भावनाओं को परिमार्जित करने वाला साहित्य ही सच्चा साहित्य है। - जनार्दनप्रसाद झा 'द्विज'।

 
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हिन्दी दिवस - खाक बनारसी

अपने को आता है
बस इसमें ही रस
वर्ष में मना लेते
एक दिन हिंदी दिवस
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अबू बिन आदम और देवदूत  - जेम्स हेनरी ली हंट


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हिंदी देश की शान - डॉ रमेश पोखरियाल निशंक

एकता की सूचक हिदी भारत माँ की आन है,
कोई माने या न माने हिदी देश की शान है।
भारत माँ का प्राण है
भारत-गौरव गान है।
सैकड़ों हैं बोलियाँ पर हिदी सबकी जान है,
सुंदर सरस लुभावनी ये कोमल कुसुम समान है।
हृदय मिलाने वाली हिदी नित करती उत्थान है,
कोई माने या न माने हिदी सत्य प्रमाण है।
भारत माँ की प्राण है,
भारत-गौरव गान है।
सागर के सम भाव है इसमें रस तो अमृतपान है,
मन को सदा लुभाती हिदी बहुरत्नों की खान है।
भाषा हिदी देश की बिदी, घर ये हिदुस्तान है,
कोई माने या न माने हिदी निज सम्मान है।
भारत माँ की प्राण है,
भारत-गौरव गान है।
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हिंदी है भारत की बोली - गोपाल सिंह नेपाली | Gopal Singh Nepali

दो वर्तमान का सत्‍य सरल,
सुंदर भविष्‍य के सपने दो
हिंदी है भारत की बोली
तो अपने आप पनपने दो
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मातृभाषा प्रेम पर भारतेंदु के दोहे  - भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जीवन परिचय | Bharatendu Harishchandra Biography Hindi

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिनु निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल॥

अँग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन।
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन॥
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भारतेन्दु की मुकरियां - भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जीवन परिचय | Bharatendu Harishchandra Biography Hindi

सब गुरुजन को बुरो बतावै ।
अपनी खिचड़ी अलग पकावै ।।
भीतर तत्व न झूठी तेजी ।
क्यों सखि सज्जन नहिं अँगरेजी ।।

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अमर शहीदों को नमन - डॉ. सुमन सुरभि

अमर शहीदों ने धरती पर लहू से हिंदुस्तान लिखा है 
भारत माता के सजदे में मेरा देश महान लिखा है। 
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जूही की कली - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' | Suryakant Tripathi 'Nirala'

[निराला की प्रथम काव्य कृति]
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झरना  - जयशंकर प्रसाद | Jaishankar Prasad

मधुर हैं स्रोत मधुर हैं लहरी
न हैं उत्पात, छटा हैं छहरी
मनोहर झरना।
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