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बाल-साहित्य |
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हिंदी बाल-साहित्य लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। पंचतंत्र, हितोपदेश, अमर-कथाएँ व अकबर बीरबल के क़िस्से बच्चों के साहित्य में सम्मिलित हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पशु-पक्षियों को माध्यम बनाकर बच्चों को बड़ी शिक्षाप्रद प्रेरणा दी गई है। बाल साहित्य के अंतर्गत बाल कथाएँ, बाल कहानियां व बाल कविता सम्मिलित की गई हैं। |
Articles Under this Category |
ख्याली जलेबी - भारत-दर्शन संकलन |
एक बार एक बुढ़िया किसी गाड़ी से टकरा गई। वह बेहोश होकर गिर पड़ी। लोगों की भीड़ ने उसे घेर लिया। कोई बेहोश बुढ़िया को हवा करने लगा तो कोई सिर सहलाने लगा। |
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हींगवाला - सुभद्राकुमारी चौहान |
लगभग 35 साल का एक खान आंगन में आकर रुक गया । हमेशा की तरह उसकी आवाज सुनाई दी - ''अम्मा... हींग लोगी?'' |
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बेईमान - अरविन्द |
गाँव में एक किसान रहता था जो दूध से दही और मक्खन बनाकर बेचने का काम करता था। |
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कौन - बालस्वरूप राही |
अगर न होता चाँद, रात में |
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चिड़िया का गीत - निरंकार देव 'सेवक' |
सबसे पहले मेरे घर का |
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