समाज और राष्ट्र की भावनाओं को परिमार्जित करने वाला साहित्य ही सच्चा साहित्य है। - जनार्दनप्रसाद झा 'द्विज'।

 
बच्चों की कविताएं
यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

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हाथी चल्लम-चल्लम - श्रीप्रसाद

हल्लम हल्लम हौदा, हाथी चल्लम चल्लम
हम बैठे हाथी पर, हाथी हल्लम हल्लम
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जलाओ दीप जी भर कर - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

जलाओ दीप जी भर कर,
दिवाली आज आई है।
नया उत्साह लाई है,
नया विश्वास लाई है।
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