Important Links
साखी |
प्राचीन धर्म प्रवर्तकों द्वारा प्रतिपादित ज्ञान को शिष्यों के समक्ष, साक्षी रुप में उपस्थित करते समय जिस काव्यरुप का जन्म हुआ, वह साखी कहलाया। |
Articles Under this Category |
सत्य की महिमा - कबीर की वाणी - कबीरदास | Kabirdas |
साँच बराबर तप नहीं, झूँठ बराबर पाप। |
more... |