साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।

 
पहेलियाँ
किसी व्यक्ति की बुद्धि की परख हेतु पूछे जाने वाले एक प्रकार के प्रश्न, वाक्य अथवा वर्णन को पहेली कहा जाता है। पहेली पूछते हुए, प्रश्न को घुमा-फिराकर पूछा जाता है। पहेली बूझना एक तरह का बौद्धिक व्यायाम है जिससे बुद्धि का विकास होता है।

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ज्ञान पहेलियां - मुकेश नादान 'निरूपमा'

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रात को नभ मे चमका करता जैसे चाँदी की इक थाली
चोर  उच्चके  लूट  न  पावें  लौटे  हरदम  खाली

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