वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। - पीर मुहम्मद मूनिस।

 
राष्ट्र गान
राष्ट्र-गान (National Anthem) संवैधानिक तौर पर मान्य होता है और इसे संवैधानिक विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं। रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित, 'जन-गण-मन' हमारे देश भारत का राष्ट्र-गान है। किसी भी देश में राष्ट्र-गान का गाया जाना अनिवार्य हो सकता है और उसके असम्मान या अवहेलना पर दंड का विधान भी हो सकता है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार यदि कोई व्यक्ति राष्ट्र गान के अवसर पर इसमें सम्मिलित न होकर, केवल आदरपूर्वक मौन खड़ा रहता है तो उसे अवहेलना नहीं कहा जा सकता। भारत में धर्म इत्यादि के आधार पर लोगों को ऐसी छूट दी गई है।

Articles Under this Category

राष्ट्रीय गान - रबींद्रनाथ टैगोर

राष्ट्र-गान (National Anthem) संवैधानिक तौर पर मान्य होता है और इसे संवैधानिक विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं। रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित, 'जन-गण-मन' हमारे देश भारत का राष्ट्र-गान है। किसी भी देश में राष्ट्र-गान का गाया जाना अनिवार्य हो सकता है और उसके असम्मान या अवहेलना पर दंड का विधान भी हो सकता है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार यदि कोई व्यक्ति राष्ट्र गान के अवसर पर इसमें सम्मिलित न होकर, केवल आदरपूर्वक मौन खड़ा रहता है तो उसे अवहेलना नहीं कहा जा सकता। भारत में धर्म इत्यादि के आधार पर लोगों को ऐसी छूट दी गई है।
...

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश