Warning: session_start(): open(/tmp/sess_41a6adaa163c39b7031aa2f92b1e85c8, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/article_details.php on line 2
 हर कोई है मस्ती का हकदार सखा होली में | ग़ज़ल
हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।

हर कोई है मस्ती का हकदार सखा होली में  (काव्य)

Print this

Author: डॉ. श्याम सखा श्याम

हर कोई है मस्ती का हकदार सखा होली में
मौसम करता रंगो की बौछार सखा होली में

मस्तानी लगती है हर नार सखा होली में
बूढ़े भी होते है दमदार सखा होली में

घोंटें हम मिलजुल भंग जब यार सखा होली में
मिट जाती तब सारी तकरार सखा होली में

सास नन्द देवर कब रहते रिश्तेदार सखा होली में
बन जाते सब ही तो हैं बस यार सखा होली में

बस इक बात यही लगे हमको बेकार सखा होली में
क्यों लेकर आती बजट मुई सरकार सखा होली

-डॉ. श्याम सखा श्याम

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश