Warning: session_start(): open(/tmp/sess_9fc0f81479d10b1b9f8d413da48c9fc0, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/lit_collect_details.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/lit_collect_details.php on line 1
 नव वर्ष | कविता
हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।
नव वर्ष (काव्य)    Print  
Author:हरिवंश राय बच्चन | Harivansh Rai Bachchan
 

नव वर्ष
हर्ष नव
जीवन उत्कर्ष नव

नव उमंग
नव तरंग
जीवन का नव प्रसंग

नवल चाह
नवल राह
जीवन का नव प्रवाह

गीत नवल
प्रीति नवल
जीवन की रीति नवल
जीवन की नीति नवल
जीवन की जीत नवल

-हरिवंशराय बच्चन

 

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश