हिंदी भाषा अपनी अनेक धाराओं के साथ प्रशस्त क्षेत्र में प्रखर गति से प्रकाशित हो रही है। - छविनाथ पांडेय।
बच्चों की कविताएं
यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

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डर भी पर लगता तो है न | बाल कविता - दिविक रमेश

चटख मसाले और अचार
कितना मुझको इनसे प्यार!
नहीं कराओ इनकी याद
देखो देखो टपकी लार।
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अक्कड़-बक्कड़ | बालगीत - सूर्य कुमार पांडेय

अक्कड़-बक्कड़ बंबे बोल
सारी दुनिया होती गोल, 
बोल हुए मीठे जिनके 
उनकी है कीमत अनमोल ।
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इन्नू बाबू - सुशान्ता कुमारी सिनहा

देखो इन्नू बाबू आये
आँखों में काजल फैलाये
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मुहावरे | बाल कविता - श्रीनाथ सिंह 

माथ पर मत हाथ रक्खो हर घड़ी। 
है अजब औंधी तुम्हारी खोपड़ी॥ 
खींचते हो बाल की भी खाल क्यों? 
और करते आँख हो यों लाल क्यों? 
कान मेरी बात को देते अगर। 
आँख नीची कर विदा लेते अगर॥ 
तो न सिर पर आज पर्वत टूटता। 
इस बुराई का न भंडा फूटता॥
नाक में दम आप अपने कर लिया। 
अब सदा को हाथ उससे धो लिया॥ 
है रहा देखो कलेजा कांप सा। 
लोट सीने पर गया है सांप सा॥ 
आंख किससे जा अचानक लड़ गई?
ढोल यह कैसी गले में पड़ गई! 
मूँछ क्या अब सर्वदा को मुड़ गई? 
हाथ में आई भी चिड़िया उड़ गई॥ 
अब फलाते गाल हो किसके लिये? 
पीठ पीछे ध्यान हैं किसने दिये? 
पेट ही में बात यह रहते धरे।
पैर होगा पीटने से क्या हरे? 
है समय कस कर कमर तैयार हो। 
मुँह न बाओ इस तरह लाचार हो॥
सूखती है जान तो थे किसलिये। 
सांप के मुँह में बड़ा अँगुली दिये!
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नभ में उड़ने की है मन में - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

नभ में उड़ने की है मन में,
उड़कर पहुँचूँ नील गगन में।
काश, हमारे दो पर होते,
हम बादल से ऊपर होते।
तारों के संग यारी होती,
चन्दा के संग सोते होते।
...

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