Important Links
गीत |
गीतों में प्राय: श्रृंगार-रस, वीर-रस व करुण-रस की प्रधानता देखने को मिलती है। इन्हीं रसों को आधारमूल रखते हुए अधिकतर गीतों ने अपनी भाव-भूमि का चयन किया है। गीत अभिव्यक्ति के लिए विशेष मायने रखते हैं जिसे समझने के लिए स्वर्गीय पं नरेन्द्र शर्मा के शब्द उचित होंगे, "गद्य जब असमर्थ हो जाता है तो कविता जन्म लेती है। कविता जब असमर्थ हो जाती है तो गीत जन्म लेता है।" आइए, विभिन्न रसों में पिरोए हुए गीतों का मिलके आनंद लें। |
Articles Under this Category |
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर - घासीराम | Ghasiram |
घेर लई सब गली रंगीली, छाय रही छबि छटा छबीली, |
more... |
इक अनजाने देश में - विजय कुमार सिंह | ऑस्ट्रेलिया |
इक अनजाने देश में जब भी, मैं चुप हो रह जाता हूँ, |
more... |
श्यामा श्याम सलोनी सूरत को सिंगार बसंती है - घासीराम | Ghasiram |
|
more... |
आज की होली - ललितकुमारसिंह 'नटवर' |
अजी! आज होली है आओ सभी। |
more... |
अरी भागो री भागो री गोरी भागो - भारत दर्शन संकलन |
अरी भागो री भागो री गोरी भागो, |
more... |
कल कहाँ थे कन्हाई - भारत दर्शन संकलन |
कल कहाँ थे कन्हाई हमें रात नींद न आई |
more... |
अजब हवा है - कृष्णा कुमारी |
अब की बार अरे ओ फागुन |
more... |
आज कैसी वीर, होली? - क्षेमचन्द्र 'सुमन' |
है उषा की पुणय-वेला |
more... |
मुट्ठी भर रंग अम्बर में - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
मुट्ठी भर रंग अम्बर में किसने है दे मारा |
more... |