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लघुकथाएं |
लघु-कथा, *गागर में सागर* भर देने वाली विधा है। लघुकथा एक साथ लघु भी है, और कथा भी। यह न लघुता को छोड़ सकती है, न कथा को ही। संकलित लघुकथाएं पढ़िए -हिंदी लघुकथाएँ व प्रेमचंद की लघु-कथाएं भी पढ़ें। |
Articles Under this Category |
नौकरी | लघु-कथा - रंजीत सिंह |
रोज की तरह दफ़्तर जाते समय जब मैं मालरोड पहुंचा तो लोगों की भारी भीड़ देख ठिठक गया। नजदीक जा कर देखा तो एक सिपाही और कुछ व्यक्ति खून से लथपथ हुए एक व्यक्ति को हाथों पैरों से उठा कर एक तरफ कर रहे थे। |
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इच्छा | लघु-कथा - रंजीत सिंह |
हूँ...., आज माँ ने फिर से बैंगन की सब्जी बना कर डिब्बे में डाल दी। मुझे माँ पर गुस्सा आ रहा था । कितनी बार कहा है कि मुझे ये सब्जी पसंद नहीं, मत बनाया करो। |
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हिंदी | लघु-कथा - रोहित कुमार 'हैप्पी' |
हिंदी का एक साहित्य-सम्मेलन चल रहा था। सम्मेलन जहाँ आयोजित किया गया था उस भवन के प्रांगण में मेज़ पर एक पंजीकरण-पुस्तिका रखी थी। सम्मेलन में सम्मिलित होने वाले सभी साहित्यकारों को इस पुस्तिका में हस्ताक्षर करने थे। |
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हिंदी डे - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
'देखो, 14 सितम्बर को हिंदी डे है और उस दिन हमें हिंदी लेंगुएज ही यूज़ करनी चाहिए। अंडरस्टैंड?' सरकारी अधिकारी ने आदेश देते हुए कहा। |
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