वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। - पीर मुहम्मद मूनिस।
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देश पर मिटने वाले शहीदों की याद में - संपादक, भारत-दर्शन

स्वतंत्रता-दिवस के अवसर पर आप सभी को शुभ-कामनाएं।
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रोचक विडियो व ऑडियो देखें - भारत-दर्शन संकलन

यहाँ आप पाएंगे ताजा विडियो, ऑडियो व रोचक सामग्री! चाहे वह स्वतंत्रता दिवस विडियो वेबकॉस्ट हो, गणतंत्र-दिवस वेबकॉस्ट हो या कोई अन्य विडियो।
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कछुआ-धरम | निबंध - चंद्रधर शर्मा गुलेरी | Chandradhar Sharma Guleri


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न्यूज़ीलैंड एक परिचय - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

न्यूज़ीलैंड (New Zealand) या आओटियारोआ (Aotearoa - न्यूज़ीलैंड का माओरी नाम) दक्षिण प्रशान्त महासागर में आस्ट्रेलिया के 2000 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 269,000 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल व आकार की दृष्टि से जापान से कुछ छोटा व ब्रिटेन से थोड़ा सा बड़ा कहा जा सकता है। न्यूज़ीलैंड की राजधानी वैलिंगटन है तथा सबसे बड़ा शहर ऑकलैंड है। ऑकलैंड को न्यूज़ीलैंड की वाणिज्य राजधानी भी कहा जा सकता है। न्यूज़ीलैंड की जनसंख्या लगभग 45 लाख ( 4.5 मिलियन) है जिसमें 80 प्रतिशत यूरोपियन समुदाय, सात में से एक माओरी (तांगाता फेनुआ, मूल या देशी लोग) 15 में से एक एशियन और 16 में से एक प्रशान्त द्वीप मूल के लोग सम्मिलित हैं। न्यूज़ीलैंड तेजी से बहु-संस्कृति समाज (Multi-cultural Society) के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है।
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मैं नास्तिक क्यों हूँ  - भगत सिंह

'मैं नास्तिक क्यों हूँ ?'  यह आलेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था जो लाहौर से प्रकाशित समाचारपत्र "द पीपल" में 27 सितम्बर 1931 के अंक में प्रकाशित हुआ था। भगतसिंह ने अपने इस आलेख में ईश्वर के बारे में अनेक तर्क किए हैं। इसमें सामाजिक परिस्थितियों का भी विश्लेषण किया गया है।
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भारत का स्वाधीनता यज्ञ और हिन्दी काव्य - डॉ शुभिका सिंह

"हिमालय के ऑंगन में उसे, प्रथम किरणों का दे उपहार।"
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15 अगस्त - स्वतंत्रता दिवस - राष्ट्रीय पोर्टल

"रात 12 बजे जब दुनिया सो रही होगी तब भारत जीवन और स्‍वतंत्रता पाने के लिए जागेगा। एक ऐसा क्षण जो इतिहास में दुर्लभ है, जब हम पुराने युग से नए युग की ओर कदम बढ़ाएंगे... भारत दोबारा अपनी पहचान बनाएगा।" - पंडित जवाहरलाल नेह‍रू
(भारतीय स्‍वतंत्रता दिवस, 1947 के अवसर पर)
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तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा - सुभाष चंद्र बोस - भारत-दर्शन संकलन

जब भारत स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत था और नेताजी आज़ाद हिंद फ़ौज के लिए सक्रिय थे तब आज़ाद हिंद फ़ौज में भरती होने आए सभी युवक-युवतियों को संबोधित करते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कहा, "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा।"

'हम अपना खून देने को तैयार हैं, सभा में बैठे हज़ारों लोग हामी भरते हुए प्रतिज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर करने उमड़ पड़े।

नेताजी ने उन्हें रोकते हुए कहा, "इस प्रतिज्ञा-पत्र पर साधारण स्याही से हस्ताक्षर नहीं करने हैं। वही आगे बढ़े जिसकी रगो में सच्चा भारतीय खून बहता हो, जिन्हें अपने प्राणों का मोह न हो, और जो आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व त्यागने को तैयार हो़ं।"

नेताजी की बात सुनकर सबसे पहले सत्रह भारतीय युवतियां आगे आईं और अपनी कमर पर लटकी छुरियां निकाल कर, झट से अपनी उंगलियों पर छुरियां चलाकर अपने रक्त से प्रतिज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर करने लगीं।  महिलाओं के लिए रानी झांसी रेजिमेंट का गठन किया गया जिसकी कैप्टन बनी  लक्ष्मी सहगल।

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राखी - भारत-दर्शन संकलन
रक्षा बंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। उत्तरी भारत में यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित है और इस त्यौहार का प्रचलन सदियों पुराना बताया गया है। इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हुए अपना स्नेहाभाव दर्शाते हैं।

रक्षा बंधन का उल्लेख हमारी पौराणिक कथाओं व महाभारत में मिलता है और इसके अतिरिक्त इसकी ऐतिहासिक व साहित्यिक महत्ता भी उल्लेखनीय है।

आइए, रक्षा-बंधन के सभी पक्षों पर विचार करें।

रक्षा बंधन - वामनावतार कथा
रक्षा बंधन - भविष्य पुराण की कथा
महाभारत संबंधी कथा
ऐतिहासिक प्रसंग
चंद्रशेखर आज़ाद का प्रसंग
साहित्यिक संदर्भ
फिल्मों में रक्षा-बंधन
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