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बाल-साहित्य |
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हिंदी बाल-साहित्य लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। पंचतंत्र, हितोपदेश, अमर-कथाएँ व अकबर बीरबल के क़िस्से बच्चों के साहित्य में सम्मिलित हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पशु-पक्षियों को माध्यम बनाकर बच्चों को बड़ी शिक्षाप्रद प्रेरणा दी गई है। बाल साहित्य के अंतर्गत बाल कथाएँ, बाल कहानियां व बाल कविता सम्मिलित की गई हैं। |
Articles Under this Category |
साखियाँ - कबीर |
जाति न पूछो साध की, पूछ लीजिए ज्ञान। |
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पानी की बर्बादी - रवि श्रीवास्तव |
मत करो मुझको बर्बाद, इतना तो तुम रखो याद। |
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अनधिकार प्रवेश | रबीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी - रबीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore |
एक दिन प्रात:काल की बात है कि दो बालक राह किनारे खड़े तर्क कर रहे थे। एक बालक ने दूसरे बालक से विषम-साहस के एक काम के बारे में बाज़ी बदी थी। विवाद का विषय यह था कि ठाकुरबाड़ी के माधवी-लता-कुंज से फूल तोड़ लाना संभव है कि नहीं। एक बालक ने कहा कि 'मैं तो ज़रूर ला सकता हूँ' और दूसरे बालक का कहना था कि 'तुम हरगिज़ नहीं ला सकते।' |
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विपदाओं से रक्षा करो, यह न मेरी प्रार्थना | बाल-कविता - रबीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore |
विपदाओं से रक्षा करो- |
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ओ मेरे देश की मिट्टी | बाल-कविता - रबीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore |
ओ मेरे देश की मिट्टी, तुझपर सिर टेकता मैं। |
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राजा का महल | बाल-कविता - रबीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore |
नहीं किसी को पता कहाँ मेरे राजा का राजमहल! |
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मत बाँटो इंसान को | बाल कविता - विनय महाजन |
मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर ने |
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चिट्ठी | बाल कविता - प्रकाश मनु |
चिट्ठी में है मन का प्यार |
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